गिलोय के फायदे, उपयोग और नुकसान | Giloy Benefits and Side Effects

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गिलोय के फायदे, उपयोग और नुकसान | Giloy Benefits and Side Effects 


आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्वति में गिलोय को एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। गिलोय में मौजूद गुणों के चलते इसे छोटे से लेकर बड़े रोग में औषधि के रूप में काम में लिया जाता है। गिलोय बेल के रूप में व इसका पत्ता पान के पत्ते की तरह दिखता है। आयुर्वेद में इसे अमृता, गुडुची, चक्रांगी आदि नाम से भी जाना जाता है। गिलोय जिस पेड़ के पास मिलती है और  उसे आधार बना ले तो उसके गुण इसमें आ जाते हैं। लेकिन हर कोई गिलोय उत्तम नहीं।  नीम के पेड़ से लिपटी गिलोय की बेल के गुणों को दवाओं की दृष्टि से सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इसे नीम गिलोय कहा जाता है। गिलोय को अमृत कहा जाता है और ये बात एकदम सच है। गिलोय में जो गुण हैं वो इसे अमृत के योग्य बना देते हैं। यही वजह है कि इसका सेवन किया जाता है। गिलोय के सेवन से आपको कई बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है, आइए यहां जानते हैं कि गिलोय को किन रोगों में औषधि के रूप में प्रयोग किया जा सकता है और किस तरह के गिलोय का किस रोग में प्रयोग किया जाता है |  इसके अन्य फायदे व इस्तेमाल करने का सही तरीका

*गिलोय के फायदे  | Giloy Health Benefits 

 गिलोय अन्य आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की तरह तरह इम्यून सिस्टम मजबूत करने के साथ थायराइड, वायरल बुखार, पेट की खराबी, खांसी, जुकाम, डेंगू और टाइफाइड जैसी बीमारियों  से लड़ने में मदद करता है. इसके अलावा गिलोय में तनाव का लेवल कम करने, याददाश्त में सुधार करने और ब्रेन पावर बढ़ाने की क्षमता भी होती है. 

इम्‍यूनिटी बढ़ाने वाला:

गिलोय इम्यूनिटी बढ़ाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स की भरमार होती है और ये शरीर से टॉक्सिन्‍स को बाहर निकालने में मददगार होता है। ब्‍लड को साफ कर प्लेट्लेटस् को बढ़ाता है।

डाइजेशन के लिए अच्‍छा:

पेट से जुड़ी समस्‍याओं जैसे कब्‍ज, अपच आदि में गिलोय बहुत काम आता है। ये डाइजेस्टिव सिस्‍टम को सही तरीके से संचालित करता है और भोजन के डाइजेस्‍ट करने की प्रक्रिया में मदद करता है।

बुखार में फायदेमंद:

बार-बार बुखार की समस्या हो तो गिलोय का जूस काम आएगा। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करता है। एंटीपायरेटिक गुण के कारण इसका इस्‍तेमाल बुखार का प्रबंधन करने के लिए किया जा सकता है। यह प्लेटलेट काउंट को भी बढ़ाता है और डेंगू बुखार में मदद कर सकता है।

डायबिटीज में फायदेमंद:

गिलोय जूस में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होता है जो शुगर को ब्लड में कम करता है। टाइप टू डायबिटीज के मरीजों के लिए ये बेहद फायदेमंद होता है।

अर्थराइटिस के लिए फायदेमंद:

अर्थराइटिस में न सिर्फ जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि अकड़न के कारण चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय जूस में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-आर्थ्रिटिक गुण होते हैं जो अर्थराइटिस के लक्षणों का इलाज करने में मदद कर सकते हैं।

एनीमिया दूर करें:

एनीमिया आयरन की कमी के कारण होता है, लेकिन कैंसर, ऑटोइम्यून रोग, संक्रमण और क्रोनिक किडनी रोगों के कारण भी एनीमिया हो सकता है। यह सूजन के एनीमिया के रूप में जाना जाता है। एनिमिया से होने वाली थकान और कमजोरी में गिलोय जूस के सेवन काम आता है और ये शरीर में रेड ब्‍लड सेल्‍स की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।

तनाव और डिप्रेशन को दूर करने में मदद करता है:

तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय के रस का सेवन चिंता, तनाव को दूर करने में मदद करता है, गिलोय में एडाप्टोजेनिक गुणों की उपस्थिति नसों को शांत करने में मदद करती है और तनाव से राहत देने वाले हार्मोन को बढ़ावा देती है।

अस्थमा में फायदेमंद:

अस्‍थमा से परेशान महिलाओं को अपनी डाइट में गिलोय के जूस को शामिल करना चाहिए। अस्थमा एक पुरानी फेफड़ों की बीमारी है जो वायुमार्ग में सूजन के कारण होती है। अस्थमा, खांसी और नाक की एलर्जी जैसे कफ संबंधित विकारों के लिए गिलोय का जूस बहुत अच्‍छा होता है।

वेट लॉस / वजन घटाने में मददगार:

गिलोय का रस शरीर के मेटाबॉलिज/चयापचय क्रिया को ठीक करता है। इसे लेने से सूजन कम होती है और डाइजेशन/पाचनतंत्र सही रहता है। ऐसा होने से पेट के आस-पास की चर्बी कम होती है। यह तनाव के प्रभावों को कंट्रोल करके और बार-बार खाने की आदत को रोककर वजन घटाने में मदद करता है।

*गिलोय के नुकसान | Side Effect of giloy 

अधिकतर मामलो में गिलोय के किसी प्रकार के कोई दुष्प्रभाव नही होते है लेकिन जिन लोगो का ब्लड शुगर कम रहता है उनके लिए इसका सेवन हानिकारक हो सकता है । यदि गिलोय का सेवन नियमित करना चाहते हो तो चिकित्सक से परामर्श कर बाद ही सेवन करे । 

 लो ब्लड प्रेशर करता है:

जिन लोगों को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है वो गिलोय के सेवन से परहेज करें। गिलोय ब्लड प्रेशर को कम करता है, जिससे मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है।

सर्जरी से पहले गिलोय नुकसानदायक:

आप किसी भी तरह की सर्जरी कराने जा रहे हैं तो गिलोय का सेवन नहीं करें। सर्जरी से पहले गिलोय का सेवन जानलेवा हो सकता है।

प्रेग्नेंसी में गिलोय नुकसानदायक:

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी गिलोय से परहेज करना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टर की सलाह के बिना गिलोय का इस्तेमाल नहीं करें।

कब्ज कर सकता है अत्याधिक गिलोय:

अगर आप गिलोय का अत्याधिक इस्तेमाल करेंगे तो आपको कब्ज की शिकायत हो सकती है। इसलिए गिलोय का सीमित मात्रा में ही इस्तेमाल करें।  


 *गिलोय सेवन विधि


गिलोय चूर्ण

बाजार में आपको गिलोय का पाउडर भी मिल जाएगा. 1 चम्मच गिलोय पाउडर का सेवन सुबह के समय खाली पेट गर्म पानी और शहद के साथ मिक्स करके करें. बाजार में गिलोय/गुडुची घन वटी/संशमनी वटी नाम से इसकी गोलियां भी मिलती हैं, इसे आप भोजन से पहले दिन में दो बार 2 ले सकते हैं ।

गिलोय का रस

भोजन से 1 घंटे पहले रोजाना सुबह 10 मिलीलीटर गर्म पानी के साथ गिलोय के रस का सेवन शुरू कर सकते हैं ।

गिलोय का काढ़ा

 गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए इसके डंठल को चार अंगुल लेकर छोटे छोटे टुकड़े बनाकर कूट ले । उसके बाद 150 मिली पानी में डालकर धीमी आंच पर उबाले जब 40 मिली पानी शेष रह जाये तब छानकर पियें । इसे अधिक गुणकारी बनाने के लिए इसमे कालीमिर्च, लोंग, अदरक, तुलसीपत्र, आदि मिलाकर बनाये ।

गिलोय टेबलेट

आयुर्वेद दवा निर्माता कंपनियों द्वारा गिलोय की टेबलेट भी बनाई जा रही । यदि आप टेबलेट का उपयोग करना चाहते हो तो 2-2 टेबलेट सुबह-शाम गुनुगुने पानी के साथ सेवन कर सकते हो जैसे गिलोय घन वटी और संशमनी वटी ।


*गिलोय से जुड़े सवाल-जवाब



गिलोय कब खाना चाहिए?

गिलोय का सेवन बुखार के दौरान करना फायदेमंद माना जाता है। लेकिन आप चाहें तो इसे नियमित रूप से पानी के साथ उबाल कर पी सकते हैं। इससे स्वास्थ्य और सौंदर्य दोनों ही बेहतर बने रहते हैं।

गिलोय का काढ़ा कितने दिन तक पीना चाहिए?

अगर आप बुखार उतारने के लिए गिलोय का काढ़ा का सेवन कर रहे हैं तो इसे तीन दिन तक ले सकते हैं। अगर बुखार के अलावा दूसरे किसी कारण से पी रहे हैं तो इसे हफ्ते में 3 से 4 बार पी सकते हैं।

क्या गिलोय के पत्ते खा सकते हैं?

गिलोय के पत्ते बेहद लाभकारी होते हैं इसे आप शहद के साथ पीस खा पी सकते हैं। गिलोय के पत्ते का उपयोग कई तरह की जड़ी-बूटी बनाने में भी किया जाता है।

गिलोय का रस पीने से क्या फायदा?

लगभग सभी तरह के बुखार जैसे डेंगू, स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया आदि से बचाव के साथ इनसे होने वाले साइड इफेक्ट से राहत दिलाने में गिलोय का रस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

क्या गिलोय गर्मी करती है?

गिलोय की तासीर बहुत गर्म होती है। इसीलिए सर्दियों की तुलना में इसका सेवन गर्मियों सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। गिलोय लगभग सभी तरह के ज्वर यानी फीवर और सर्दी-जुकाम में लाभदायक होता है। 

गिलोय से मोटापा कैसे कम करें?

गिलोय और त्रिफला के चूर्ण को सुबह-शाम शहद के साथ लेने से मोटापा कम होने लगता है या गिलोय, हरड़, बहेड़ा, आंवले का काढ़ा बनाकर शिलाजीत के साथ रेगुलर पीने पर भी बढ़ता मोटापा रुक कर धीरे- धीरे कम हो जाता है।

गिलोय में कौन सा विटामिन पाया जाता है?

गिलोय में एक-दो नहीं बल्कि बहुत से औषधीय गुण पाये जाते हैं। इसकी छाल, जड़, तना और पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन और अन्य न्यूट्रिएंट्स पाये जाते हैं। 


गिलोय कितनी गुणकारी बेल है। गिलोय के औषधीय गुण के कारण यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्या से बचाव कर सकती है। बस यह ध्यान दें कि गिलोय के लाभ सीमित मात्रा में उपयोग करने से ही मिलेंगे। ऐसा न करने पर गिलोय के नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है।

अस्विकरन : आरोग्यदुत में हम विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के लिए सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।  हालाँकि, हम गारंटीकृत परिणाम या चमत्कारिक इलाज का कोई दावा नहीं करते हैं।  आयुर्वेदिक उपचारों को अपना परिणाम दिखाने में समय लग सकता है और व्यक्तिगत परिणाम भिन्न हो सकते हैं।

 *संदर्भ |Sources:

  1. Tinospora cordifolia: One plant many roles
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3644751/
  2. Tinospora cordifolia (Willd.) Hook. f. and Thoms. (Guduchi) – validation of the Ayurvedic pharmacology through experimental and clinical studies
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2924974/
  3. Optimized micropropagation protocol to establish high-yielding true-to-type plantations of elite genotypes of Tinospora cordifolia for consistent production of therapeutic compounds
    https://pubag.nal.usda.gov/catalog/6287725
  4. Anti-inflammatory activity of Guduchi Ghana (aqueous extract of Tinospora Cordifolia Miers.)
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25364210/

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